मुर्गियों में ई. कोलाई से होने वाले रोग, पहचान और उनका समाधान
मुर्गियों में ई. कोलाई का संक्रमण सबसे आम, व्यापक रूप से प्रचलित और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है. इस
बॅक्टीरिया को Avian Pathogenic Escherichia coli (APEC) भी कहते हैं. यह एक
दिन के चूज़े (yolk sac infection) से लेकर व्यस्क अंडा देती हुई मुर्गी (egg
peritonitis) तक में होता है. यह
सब बीमारियाँ मिलकर आर्थिक रूप से बड़ी हानि के लिए ज़िम्मेदार होती हैं. यह बॅक्टीरिया निम्न बीमारियों में एक
महत्वपूर्ण कारक के रूप में काम करता है और इसके नियंत्रण से इन बीमारियों पर काबू
पाया जा सकता है.
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इकोलाई द्वारा होने वाली बिमारियों को निम्न नामो से जाना जाता है
Colisepticemia,
Coligranuloma (Hjarre’s Disease), Air Sac Disease (Chronic Respiratory Disease,
CRD), Swollen-Head Syndrome, Venereal Colibacillosis, And Coliform Cellulitis
(Inflammatory Process), Peritonitis, Salpingitis, Orchitis,
Osteomyelitis/synovitis (turkey osteomyelitis complex), panophthalmitis,
omphalitis/yolk sac infection, and enteritis.
Ecoli का आर्थिक महत्व :
Ecoli
ना सिर्फ़ मुर्गियों में बीमारी करके आर्थिक हानि पहुचाता
है बल्कि इससे संक्रमित मुर्गियो का माँस और अंडा भी मनुष्यो के लिए हानिकारक होता
है और भोजन विषाकता जैसी बीमारी पैदा करता है. 50% केसो में प्रोसेसिंग के दौरान माँस को रिजेक्ट किए जाने का
यही होता है. रिसर्च के अनुसार औसत तौर पर Ecoli के
संक्रमण के कारण मुर्गियों में नॉर्मल मुर्गियो की अपेक्षा 84g
माँस कम होता है.
E.coli से निम्न मुख्य बीमारियाँ होती हैं
1. Yolk Sac Infection
2. Blood Infection
(Colisepticaemia)
3. Egg Peritonitis
4. Coli granuloma
बचाव के तरीके
- सबसे पहले / अव्वल दर्जे साफ सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करें,
- एक स्थान पर पक्षियो की घिचपिच ना करें,
- सूखा धूल भरा वातावरण ना बनने दें,
- फार्म में पर्याप्त हवा का बहाव बना कर रखें,
- अमोनिया बनने से रोकें,
- लिट्टर का खास ध्यान रखें क्यूंकी गीले लिट्टर में E.coli आसानी से पनपता है,
- दाने में भरपूर प्रोटीन और विटामिन A, E, C और ज़िंक मिलाए,
- पानी में water sanitizer का प्रयोग करें
इकोलाई का इलाज - E. coli Treatment
- Ciprofloxacin (500mg/45Kg of bird weight) या Levofloxacin (500mg/40Kg Bird Weight) या Neomycin (100mg/lit of water) या Chloramphenicol (100mg/12Kg Bird Weight)
- ये antibiotic 3 से 5 दिन बीमारी की तीव्रता के हिसाब से सुबह के समय दें
- और साथ साथ सफेद सिरका (5ml प्रति लीटर) शाम को दें 3 दिनों तक दें
- इसके बाद दो दिन प्रोबिओटिक दें.
- CRD के केसो में सुबह tylosin (100mg/lit of water) और शाम को Ciprofloxacin (500mg/45Kg weight of bird)
- नये बच्चो में पहले तीन दिन सुबह सफेद सिरका (1-1.5ml प्रति एक लीटर पानी में) और शाम को probiotic पानी में दें.
यह संलेख Dr. Ibne
Ali का सर्वाधिकार है जिसे हमने ब्रायिलर फार्मेरो के ज्ञान वर्धन के लिए बनाया
गया है. कोई संस्था यदि इसमे दी गयी जानकारी को कहीं उपयोग करे तो Ali’s
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